हमारा देश भारत बहुत तेजी से डिजिटल हो रहा है। पहले जो काम करने में बहुत समय लगता था, अब वो फोन से और घर बैठे ही हो जाता है। इसी सम्बंधित भूलेख पोर्टल वेबसाइट बनाई गई है जिस पर आपको सभी राज्यों की जमीन से जुडी सभी जानकारिया मिल जायंगी। लेकिन यदि आप ऑनलाइन इस पोर्टल पर आते है तो आपको कुछ नए शब्दों को देखना और समझना पड़ेगा जैसे की खसरा, खतौनी और खतियान के बारे में पता होना चाहिए। इस लेख में इन शब्दों का मतलब बताया गया है। इसे पूरा पढ़ें ताकि आप जमीन से जुड़े इन शब्दों को समझ सकें।
खसरा क्या हैं?
खसरा एक महत्वपूर्ण जमीन का दस्तावेज है जिसे गांव का नक्शा भी कहा जाता है। इसमें जमीन की बुनियादी जानकारी होती है, जैसे जमीन का नंबर, क्षेत्रफल, प्रकार, मालिक का नाम और फसल का विवरण। खसरा जमीन की पहचान करने में मदद करता है और इसे देखकर आप किसी भी जमीन के बारे में मुख्य बातें जान सकते हैं। यह दस्तावेज जमीन से जुड़े कानूनी और प्रशासनिक कामों में बहुत उपयोगी होता है।
खतौनी क्या है?
खतौनी एक सरकारी दस्तावेज है जो जमीन के मालिकाना हक को दिखाता है। इसमें जमीन से जुड़ी विस्तृत जानकारी होती है, जैसे:
- जमीन मालिक का नाम और पता
- जमीन का क्षेत्रफल और स्थान
- जमीन का प्रकार और उपयोग
- जमीन पर लगने वाले कर का विवरण
- जमीन से जुड़े कानूनी मामले, अगर कोई हों
खतौनी राजस्व विभाग द्वारा तैयार की जाती है और यह जमीन के कानूनी स्वामित्व का प्रमाण माना जाता है। यह दस्तावेज जमीन बेचने, खरीदने या गिरवी रखने जैसे कामों में बहुत जरूरी होता है। खतौनी से जमीन के वर्तमान मालिक और उसके अधिकारों की पुष्टि होती है।
खतियान क्या हैं ?
खतियान क्या है?
खतियान एक महत्वपूर्ण भूमि रिकॉर्ड है जो जमीन के मालिक और उसके अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी देता है। इसमें शामिल होता है:
- जमीन मालिक का नाम और पारिवारिक विवरण
- जमीन का पूरा क्षेत्रफल और सीमाएं
- जमीन का प्रकार और उपयोग
- जमीन से जुड़े कर और शुल्क
- जमीन पर किसी भी प्रकार के कर्ज या बंधक का विवरण
खतियान राज्य के राजस्व विभाग द्वारा तैयार और अपडेट किया जाता है। यह दस्तावेज जमीन के कानूनी स्वामित्व का सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण माना जाता है। खतियान का उपयोग जमीन से संबंधित कानूनी मामलों, लेनदेन और सरकारी कार्यों में किया जाता है। यह जमीन के इतिहास और वर्तमान स्थिति का एक विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करता है।